इंदिरा बस्ती में रहने वाले लोगों को प्रशासन ने नेशनल स्कूल में शिफ्ट किया

  • 10 से 12 परिवारों के लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से किया गया शिफ्ट
  • 2010 और 2021 में आ चुकी है आपदा
  • विस्थापन के लिए भूमि चयनित, लेकिन लोग जाना नहीं चाहते
  • लोगों का कहना बस्ती में अधिकतर मज़दूरी कर गुजर बसर करते है और उन्हें रानीखेत नगर के पास ही विस्थापित करना होगा

रानीखेत। मानसून काल के दौरान रानीखेत की आपदा प्रभावित इंदिरा बस्ती में रहने वाले 10 से 12 परिवारों के लोगों को गुरूवार को प्रशासन ने पास के ही नेशनल स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया है। प्रशासन ने यह निर्णय यहां संभावित खतरे को देखते हुए लिया है। प्रभावित सभी परिवारों के लिए प्रशासन ने खाने व रहने की व्यवस्था निशुल्क की गयी है।

इंदिरा बस्ती में मेहनत मजदूरी करने वाले करीब 50 से 60 परिवार वर्षों से यहां कच्चे मकान बनाकर रहते हैं। ढलान वाली भूमि पर कच्चे मकानों में यहां 50 से 60 परिवार वर्षों से रह रहे हैं। हर साल आपदा के समय प्रशासन द्वारा अल्टीमेटम भी दिया जाता है। इंदिरा बस्ती में कई परिवार पिछले 50 सालों से निवास कर रहे हैं। इधर भारी बारिश के बाद गुरुवार को प्रशासन ने पुलिस की मदद से कई परिवारों को शिफ्ट किया। प्रशासन ने संयुक्त मजिस्ट्रेट राहुल आनंद के नेतृत्व में बस्ती का निरीक्षण किया। इस दौरान 10 से 12 परिवार अत्यधिक खतरे की जद में थे। और इन्हे नेशनल इंटर कालेज में शिफ्ट किया गया है।
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2010 और 2021 में आ चुकी है आपदा
रानीखेत। इंदिरा बस्ती में 2010 में पहली बार आई आपदा में यहां भारी नुकसान हुआ था। पेयजल स्रोत तक क्षतिग्रस्त हो गए थे। वही 18 अक्टूबर 2021 को आयी आपदा में भी एक वृद्धा का भूस्खलन के कारण मकान जमींदोज हो गया था। और रास्ते भी टूट गए थे।
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विस्थापन के लिए भूमि चयनित, लेकिन लोग जाना नहीं चाहते
रानीखेत। आपदा प्रभावित इंदिरा बस्ती में पूर्व में प्रशासन ने खतरे की जद में आए कई परिवारों के बिस्थापन की कार्रवाई शुरू की । इन परिवारों के लिए विकास खंड ताड़ीखेत अंतर्गत ग्राम मंगचौड़ा में भूमि भी चिन्ह्ति की गई। इस दौरान कई बार लोगों को समझने के बाद लोगों बस्ती छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए उनका कहना था कि बस्ती में अधिकतर मज़दूरी कर गुजर बसर करते है और उन्हें रानीखेत नगर के पास ही विस्थापित करना होगा।
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