- मलवा और पेड़ गिरने से बिगड़े हालात
- संयुक्त मजिस्ट्रेट ने रोगियों को रानीखेत रेफर न करने के दिए निर्देश
- 21 रोगियों को तीमारदारों ने निजी अस्पतालों में भर्ती कराया है
- पांच दुकानें आई मलबे की जद में
रानीखेत (अल्मोड़ा )। लगातार हो रही बारिश के कारण अब रानीखेत उप जिला चिकित्सालय खतरे की जद में आ गया है। शुक्रवार को मीना बाजार में अस्पताल के पास पेड़ गिरने और भूस्खलन होने के कारण अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। आनन फानन में अस्पताल को खाली कर सीज करा दिया गया है। अब 21 रोगियों को तीमारदारों ने निजी अस्पतालों में भर्ती कराया है। वही खतरे को देखते हुए अस्पताल के स्टाफ के भी घर खाली कराए गए है।
पिछले 48 घंटों से हो रही बारिश के बाद शुक्रवार को रानीखेत उपजिला चिकित्सालय के पास देवदार और बांज के दो पेड़ गिर गए। जबकि अस्पताल के पीछे जबर्दस्त भूस्खलन हो गया। जिससे अस्पताल भवन को खतरा पैदा हो गया। सूचना मिलने के बाद संयुक्त मजिस्ट्रेट राहुल आनंद, छावनी परिषद के अधिशासी अधिकारी कुनाल रोहिला, ब्लॉक प्रमुख हीरा रावत और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। अग्निशमन टीम ने वुडन कटर से पेड़ों को काटा। अस्पताल भवन को खतरा देख रोगियों को यहां से निजी अस्पतालों में शिफ्ट करा दिया गया और उसे सीज कर दिया गया है। अस्पताल के सीज होने के बाद अब रानीखेत समेत आसपास के इलाकों से यहां उपचार के लिए आने वाले रोगियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
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पांच दुकानें आई मलबे की जद में
मीना बाजार में उपजिला अस्पताल के पास पेड़ गिरने और भूस्खलन हाेने के बाद रानीखेत में पांच दुकानें मलबे की जद में आ गई हैं। शुक्रवार को अचानक पेड़ गिरने और भूस्खलन के कारण मीना बाजार में अस्पताल से लगी बच्चन सिंह, राजेंद्र पांडे, मो. इसरार, मनोज कुमार और लक्ष्मण सिंह की दुकानें मलबे की चपेट में आ गई।
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रोगियों को रेफर न करने के निर्देश
रानीखेत उप जिला अस्पताल के खतरे की जद में आने के बाद अब अधिकारियों ने भतरौंजखान, भिकियासैंण, द्वाराहाट, चौखुटिया और आसपास के पीएचसी और सीएचसी के चिकित्साधिकारियों को रोगियों को रानीखेत रेफर न करने के निर्देश जारी किए हैं।
बारिश के कारण पेड़ गिरने और भूस्खलन होने के कारण अस्पताल को खतरा पैदा हो गया है। जिस कारण रोगियों को शिफ्ट कर अस्पताल को सीज किया गया है। राहत और बचाव के कार्य यहां जारी हैं : राहुल आनंद, संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत’
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लोगों को परेशानी ना हो इसके लिए सुरक्षात्मक उपाय करने होंगे। वही उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल में तीमंजिले में हुए निर्माण के कारण ऐसी घटना होने का अंदेशा है। कई पेड़ अभी भी खतरे के मुहाने पर खड़े है उनका निस्तारन होना ज़रूरी है : हीरा रावत ब्लाक प्रमुख ताड़ीखेत