साइबर ठगों को सिम और ओटीपी मुहैया कराने वाला दबोचा

– हरिद्वार के मंगलौर का रहने वाला है आरोपी, बरामद हुए 1800 से ज्यादा सिम कार्ड
20 हजार से ज्यादा सिम कार्ड चीन, म्यांमार, कंबोडिया आदि देशों में भेज चुका आरोपी
– 03 से 50 रुपये में एक ओटीपी बेचता था आरोपी, विदेशी चलाते थे सोशल मीडिया अकाउंट
– विदेशों में बैठे साइबर ठगों को भारतीय सिम कार्ड और ओटीपी बेचने वाले शातिर को एसटीएफ ने हरिद्वार के मंगलौर से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अब तक 20 हजार से ज्यादा सिम कार्ड एक्टिवेट करा उन्हें विदेश भेजा है। जबकि, 1800 से ज्यादा सिम कार्ड उसके पास से बरामद हुए हैं।
– विदेश में बैठे ठग इन नंबरों से सोशल मीडिया अकाउंट भी चलाते हैं, जिसके लिए आरोपी उन्हें तीन से 50 रुपये में ओटीपी बेचता है। इन अकाउंट से विदेशी ठग लोगों को विभिन्न निवेश स्कीम के जरिए लाखों-करोड़ों रुपये ठगते हैं। आरोपी के अन्य साथियों और नेटवर्क के बारे में भी पुलिस जानकारी जुटा रही है। आईजी कानून व्यवस्था डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने मामले के भंडाफोड़ की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गत अप्रैल में माजरी माफी निवासी एक व्यक्ति ने थाना नेहरू कॉलोनी में शिकायत की थी। उन्हें चेन्नई निवासी कल्याणी नाम की महिला लगातार मैसेज और फोन कर रही थी। वह एक निवेश योजना के बारे में समझा रही थी।

एक दिन उसके कहने से 10 हजार रुपये एक वेबसाइट पर निवेश कर दिए। इसका उन्हें 23 हजार रुपये लाभ प्राप्त हुआ। यह उन्होंने निकाल लिया। इसके बाद उनसे 25 हजार रुपये निवेश करने को कहा गया। उन्होंने यह निवेश भी कर दिया। फायदा हुआ तो उसे निकालने के लिए आवेदन किया, लेकिन उनसे 50 हजार रुपये जमा कराने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने 25 हजार रुपये और जमा कर दिए। जब रुपये नहीं निकले तो उन्होंने साइबर पुलिस को शिकायत करने की बात कही। इसके बाद ठगों के नंबर और वेबसाइट दोनों बंद हो गए। साइबर थाना पुलिस की जांच में पता चला कि जिस नंबर का प्रयोग हुआ है, वह हरिद्वार की एक महिला का है।

महिला से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उनसे किसी ने उनके बायोमेट्रिक और फोटो लिए थे। इसके बाद उनके नाम से नंबर जारी करा लिया। दूरसंचार कंपनी से जानकारी की तो मंगलौर निवासी असलम के बारे में पता चला। मामले में डीएसपी साइबर अंकुश मिश्रा की टीम ने असलम को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 1816 सिम कार्ड, दो चेक बुक, पांच मोबाइल और दो बायोमेट्रिक डिवाइस बरामद हुए।

आरोपी ने बताया कि उसने महिलाओं और अन्य ग्रामीणों के नाम से सिम जारी कराए हैं। ऐसे करीब 20 हजार सिम कार्ड को वह कंबोडिया, चीन, थाईलैंड, म्यांमार आदि देशों में भेज चुका है। इसके अलावा वह ओटीपी भी तीन रुपये से 50 रुपये में बेचता था। आईजी ने बताया कि आरोपी के बारे में अन्य जानकारियां भी जुटाई जा रही हैं।

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ऐसे बेचता था ओटीपी

किसी भी सोशल मीडिया अकाउंट या एप चलाने के लिए मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी की जानकारी होनी चाहिए। मसलन विदेश में बैठे किसी ठग को अगर भारतीय नंबर से टेलीग्राम एप चलाना है तो उसे ओटीपी भी चाहिए, लेकिन जब भारत का नंबर विदेश में होता है तो उसका ओटीपी नहीं आता। ऐसे में टेलीग्राम चलाने के लिए भारतीय नंबर भारत में होना चाहिए। इसके लिए ठग असलम को फोन कर यह ओटीपी जान लेते थे। ओटीपी देने के बाद आरोपी इस सिम कार्ड को नष्ट कर देता था। इस तरह विदेश में बैठे ठग भारतीय नंबर से यहां के लोगों को बड़ी आसानी से ठग लेते हैं।

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सिम कार्ड बेचता है आरोपी, कप प्लेट के सेट देकर लेता था फिंगर प्रिंट

आरोपी असलम सिम कार्ड बेचने का काम करता है। वह बेहद शातिर सोच वाला है। उसने मंगलौर और आसपास के कस्बों-गांवों में लोगों को अपने झांसे में लिया। महिलाओं को एक कप प्लेट का सेट देता था। उन्हें कहता था कि इस इनाम को पाने के लिए उन्हें फोटो और बायोमेट्रिक प्रिंट देना होगा। यह सेट भी वह किसी योजना से संबंधित बताया जाता था। इसके बाद उनसे फिंगर प्रिंट, लाइव फोटो, आधार कार्ड नंबर आदि ले जाता था। इन सब जानकारियों से वह सिम कार्ड जारी करा लेता था।I

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