रानीखेत। पर्वतीय अंचल की छात्राओं को आधुनिक विज्ञान और तकनीक से जोड़ने की पहल शी फॉर स्टेम–कल्पना फेलोशिप कार्यक्रम के तहत रानीखेत महाविद्यालय में चयनित प्रतिभागियों को पुस्तकें और अध्ययन सामग्री प्रदान की गई। इस राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना का उद्देश्य ग्रामीण बेटियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) जैसे क्षेत्रों में प्रोत्साहित करना है।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. पुष्पेश पांडे ने कहा कि यदि पहाड़ की बेटियों को उचित अवसर और मार्गदर्शन मिले तो वे वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने की क्षमता रखती हैं। कार्यक्रम संयोजक डॉ. भारत पांडे और सह-संयोजक डॉ. सी.एस. पंत ने बताया कि इस फेलोशिप में 12 सप्ताह का करियर प्रशिक्षण, 14–16 सप्ताह का प्रोजेक्ट कार्य, महिला वैज्ञानिकों से संवाद, बायोडाटा लेखन और करियर योजना जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
यह पहल विज्ञानशाला इंटरनेशनल संस्था द्वारा संचालित है तथा इसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, एआईसीटीई और नीति आयोग का सहयोग प्राप्त है। अब तक देशभर की 11 हजार से अधिक छात्राएँ इससे लाभान्वित हो चुकी हैं।
रानीखेत जैसे पर्वतीय क्षेत्र में यह कार्यक्रम छात्राओं को आत्मविश्वास के साथ एसटीईएम जैसे आधुनिक क्षेत्र से जोड़ने का सशक्त माध्यम बन रहा है। कार्यक्रम में डॉ. बृजेश जोशी, डॉ. धीरज खाती, डॉ. निधि पांडे, डॉ. पारुल भारद्वाज, डॉ. हिमानी, डॉ. निधि शर्मा और डॉ. गरिमा भी उपस्थित रहे।