रानीखेत महाविद्यालय में सात दिवसीय एआई कार्यशाला का समापन

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: शिक्षा में नवाचार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

  • मुख्य वक्ताओं के विचार: एआई से शिक्षण और शोध में सुधार की संभावना

  • कार्यशाला की संयोजक डॉ. बरखा रौतेला का दृष्टिकोण: छात्रों और शिक्षकों के लिए कौशल विकास का अवसर

  • प्राचार्य प्रो. पुष्पेश पांडे का बयान: एआई आधारित कार्यशालाएं शिक्षा प्रणाली के लिए आवश्यक

  • कार्यशाला के सफल आयोजन में प्रमुख सहयोगियों का योगदान

रानीखेत (अल्मोड़ा) स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय ऑनलाइन कार्यशाला का आज सफल समापन हुआ। यह कार्यशाला “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ उन्नत शिक्षण एवं अनुसंधान भविष्य की तैयारी” विषय पर केंद्रित थी और मुख्यमंत्री नवाचार योजना समिति के तत्वावधान में, न्यूक्लियस ऑफ लर्निंग एंड डेवलपमेंट (एनएलडी), वडोदरा, गुजरात के सहयोग से आयोजित की गई। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षण और अनुसंधान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग को समझाना और शिक्षकों तथा छात्रों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाना था। देशभर से शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया। प्रत्येक सत्र के बाद प्रतिभागियों को विशेषज्ञों से संवाद करने का अवसर मिला और सहभागिता प्रमाण पत्र वितरित किए गए। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. पुष्पेश पांडे ने कहा कि एआई आधारित कार्यशालाएं वर्तमान शिक्षा प्रणाली के लिए अत्यंत आवश्यक हैं, क्योंकि यह छात्रों और शिक्षकों को नए शैक्षणिक दृष्टिकोण और तकनीकी दक्षता प्रदान करती हैं। कार्यशाला के सफल आयोजन में डॉ. प्रसून जोशी, डॉ. महीराज महरा और अन्य सदस्य भी शामिल थे, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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मुख्य वक्ताओं के विचार:
कार्यशाला में विभिन्न प्रमुख वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। डॉ. विकास राजपोपट ने एआई के शैक्षणिक उपयोगों पर प्रकाश डाला, जबकि अगस्तमुनि मिश्रा ने तकनीकी साक्षरता को समय की आवश्यकता बताया। ऐश्वर्य शर्मा ने कहा कि एआई से शिक्षण की गुणवत्ता और शोध प्रक्रिया दोनों में सुधार संभव है, जो भविष्य के शिक्षा मॉडल को नया दृष्टिकोण दे सकता है।

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कार्यशाला की संयोजक डॉ. बरखा रौतेला का योगदान:
कार्यशाला की संयोजक और मुख्यमंत्री नवाचार योजना समिति की समन्वयक डॉ. बरखा रौतेला ने इसे छात्रों और शिक्षकों के लिए नवीन दृष्टिकोण और कौशल विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में एनएलडी के सहयोग से इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो शैक्षणिक दुनिया में नवाचार और उन्नति के रास्ते खोलेंगे।


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