रानीखेत महाविद्यालय द्वारा निकाली गई नशा मुक्ति जागरूकता रैली

  • छात्रों ने तख्तियों और नारों के साथ किया जनजागरण

  • हैड़ाखान क्षेत्र में आमजन को किया नशा मुक्त जीवन के लिए प्रेरित

  • “नशे की आदत छोड़ो” जैसे नारों से गूंजे रास्ते

  • महाविद्यालय प्रशासन ने की पहल की सराहना

रानीखेत। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रानीखेत के नशा मुक्ति प्रकोष्ठ की ओर से नशा विरोधी जन-जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। यह रैली महाविद्यालय परिसर से शुरू होकर हैड़ाखान क्षेत्र तक निकाली गई, जिसमें छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
रैली की शुरुआत प्रभारी प्राचार्य प्रो. पी.एन. तिवारी ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि नशा केवल शरीर और मन को ही नहीं, आत्मसम्मान और सामाजिक जीवन को भी प्रभावित करता है। यदि कोई व्यक्ति नशे की गिरफ्त में है, तो हमें उसकी मदद कर उसे सही दिशा में ले जाना चाहिए। उन्होंने युवाओं से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की। छात्रों ने हाथों में तख्तियां लेकर नशा विरोधी नारे लगाए— “छोड़ दो छोड़ दो, नशे की आदत छोड़ दो”, “नशे की आदत छोड़ दो, सुखी जीवन से नाता जोड़ लो” इन नारों के माध्यम से राहगीरों, दुकानदारों और श्रमिकों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराया गया। विद्यार्थियों ने हैड़ाखान क्षेत्र में लोगों से संवाद कर उन्हें नशा छोड़ने की प्रेरणा दी। महाविद्यालय प्रशासन ने इस प्रयास की सराहना करते हुए भविष्य में भी ऐसे जनहितकारी अभियानों को जारी रखने की बात कही।
रैली में नशा मुक्ति प्रकोष्ठ संयोजक डॉ. पारुल भारद्वाज, डॉ. दीपाली कनवाल, डॉ. बरखा रौतेला, डॉ. शंकर, डॉ. कमल, डॉ. रुचि शाह, डॉ. संगीता, डॉ. हिमानी नेगी, डॉ. रेखा भट्ट ,विक्रम देवराडी, गोविंद सिंह आदि मौजूद रहे।

 

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