2000 के नोट वापसी से अर्थव्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं, ये तीन चुनौतियां बरकरार: आरबीआई गवर्नर

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2000 रुपये के बैंक नोट वापस लेने से अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक असर नहीं हुआ है। पिछले महीने 19 तारीख को केंद्रीय बैंक की ओर से 2000 रुपये के नोट वापस लेने की घोषणा की गई थी।

समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मैं ये स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि 2000 रुपये के करेंसी नोट सर्कुलेशन से बाहर करने का भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है।

बता दें, अपने पास मौजूद 2000 के नोटको बदलने के लिए आरबीआई की ओर से 30 सितंबर तक की तारीख निर्धारित की गई है। कोई भी व्यक्ति एक बार में अधिकतम 10 नोट यानी 20000 रुपये एक्सचेंज करवा सकता है। हालांकि, बैंक अकाउंट में जमा करने की कोई सीमा नहीं है। इसके लिए कोई फॉर्म या स्लिप भरने की आवश्यकता नहीं है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने मौजूदा समय में दो से तीन प्रमुख चुनौतियां हैं। पहला – अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता, दूसरा -मानूसन के दौरान एल नीनो का प्रभाव और तीसरा मौसम से जुड़े इवेंट, जिसका असर देश में खाद्य वस्तुओं की कीमत पर पड़ता है।

दास ने कहा कि ब्याज दरों का सीधा संबंध महंगाईसे होता है। मई 2022 से महंगाई को काबू करने के लिए रेपो रेट को 2.5 प्रतिशत बढ़ाया जा चुका है। इसी के चलते अप्रैल 2022 में जो महंगाई 7.8 प्रतिशत थी। मई 2023 में घटकर 4.25 प्रतिशत पर आ गई गई है। हमारा लक्ष्य महंगाई को 4 प्रतिशत या उसके नीचे लाना है।

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